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प्रभारी आबकारी उपायुक्त आलोक खरे की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

लोकायुक्त न्यायालय में अभियोजन चलाई जाने की तैयारी..
शासकीय स्वीकृति अंतर्गत विभागीय अटकलों में आयुक्त ने फसाया नया पेच..

भोपाल/ ग्वालियर 26 जुलाई 2024। आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रभारी आबकारी उपायुक्त संभाग- रीवा एवं उड़न दस्ता प्रभारी आलोक कुमार खरे (तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त जिला इंदौर) के विरुद्ध न्यायालय में अभियोजन चलाए जाने के क्रम में विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक- 4260/ अप.क्र. 238/19/विपुस्था/2023 दिनांक 16- 10- 23 के संदर्भ में मप्र शासन के वाणिज्य कर विभाग द्वारा दिनांक 6-11- 2023 पत्र क्र.:बी-7(ए)/21/2019/2/पांच के माध्यम से अपराध क्रमांक 238 /2019 धारा 12 ,13(1)बी, सहपठित धारा 13( 2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संसो.अधि. 2018) एवं 120 बी भादवि. के अंतर्गत आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त आलोक कुमार खरे को न्यायालय में अभियोजित किए जाने के क्रम में शासन की स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में प्रदेश के आबकारी आयुक्त से मूल अभिलेखों के साथ चार सप्ताह के अंदर स्पष्ट अभिमत मांगा गया था जिसमें आज तक अटकलें बाजी चल रही है।

क्या था पूरा मामला…

ज्ञात हो कि 15 अक्टूबर 2019 को इंदौर में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे के भोपाल, रायसेन, इंदौर और छतरपुर स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त की टीमों ने छापा मारा जिसमें दिनभर की पड़ताल में खरे के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। लोकायुक्त की जांच टीमों को आलीशान बंगले, कई प्लॉट, कृषि भूमि, ऑफिस, लग्जरी कार के दस्तावेज सहित नकदी सहित तकरीबन 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक होने के सबूत बरामद किए जो इस प्रकार है..

रायसेन में तीन लग्जरी कार, दो नए ट्रैक्टर, चूना भट्टी, भोपाल में 3200 वर्गफीट का प्लॉट,ग्राम तारा सेवनिया, भोपाल में 17.41 एकड़ कृषि भूमि, कैलाश पार्क, इंदौर में 1500 वर्ग फीट का प्लॉट, श्री बिल्डर्स एंड डेवलपर्स भोपाल में 5056 वर्ग फीट का आलीशान बंगला, सेंचुरी-21 मॉल भोपाल में 1890 वर्ग फीट का ऑफिस, रायसेन नगर पालिका सीमा में 21 एकड़ और 14.75 एकड़ कृषि भूमि, कुसुम गृह निर्माण सहकारी समिति, भोपाल में 1800 वर्ग फीट का प्लॉट, रायसेन के ग्राम डबरा इमलिया में 57.89 एकड़ कृषि भूमि, मैसर्स पारस हाउसिंग होशंगाबाद रोड में करोड़ों का निवेश, सी नीट्स कॉलोनी सटई रोड छतरपुर में एक आलीशान बंगला, ग्राम रतनपुर सड़क भोपाल में 0.210 हेक्टेयर जमीन, ग्राम समरधा कलियासोत भोपाल में 0.28 हेक्टेयर जमीन, चूना भट्टी भोपाल में 0.15 एकड़ जमीन, बावड़िया कला मिसरोद भोपाल में 2100 वर्ग फीट का प्लॉट, बागसेवनिया रामेश्वर कॉलोनी भोपाल में 2160 वर्ग फीट का प्लॉट, बावड़िया कला श्रीराम कॉलोनी, भोपाल में 194.86 वर्ग मीटर का प्लॉट, ग्राम मुगालिया छाप भोपाल में 0.514 हेक्टेयर कृषि भूमि।

शासकीय स्वीकृति अंतर्गत विभागीय अटकलों में आयुक्त ने फसाया नया पेच..

विश्वस्त सूत्रों की माने तो वाणिज्य कर विभाग के 6 नवंबर 2023 के उक्त पत्र के संदर्भ में तत्कालीन आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने अपने मत के रूप में यह लिखते हुए कि यह केस चालान लगाने योग्य नहीं है.. न सिर्फ पल्ला झाड़ा बल्कि साफ तौर पर आरोपी आलोक खरे को बचाने की पुरजोर कोशिश की। अतार्किक एवं न्याय असंगत उनके इस मत से असंतुष्ट वाणिज्य कर विभाग इस पर दोबारा आयुक्त से अभिमत मांगा है जिस पर हाल ही में अभिजीत अग्रवाल ने स्वयं को बचाते हुए बड़ी बुद्धिमत्ता पूर्ण जवाब दिया है कि यह मामला कानूनी है इसलिए कानूनी दाव -पेचों संबंधी राय कानूनी एक्सपर्ट से लेनी चाहिए.. 

आयुक्त अभिजीत अग्रवाल के इस जवाब से आलोक खरे का बचाव होता है अथवा मुसीबतें बढ़ती हैं? फिलहाल अब देखना ये होगा कि शासन का अगला कदम क्या होगा, क्या इस पर वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर अपना अभिमत देंगे अथवा किसी कानूनी कमेटी से अभिमत लिया जाएगा? आलोक खरे की रासूकदारी सब पर भारी पड़ती है या वह कानूनी शिकंजी की गिरफ्त में आते हैं।