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29 जुलाई को महिला कांग्रेस का दिल्ली के जंतर-मंतर पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन

मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल की पत्रकार वार्ता

मध्यप्रदेश सहित देश की महिला कांग्रेस नेत्रियां होंगी शामिल
महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करे केंद्र सरकार
महिला कांग्रेस का आंदोलन ‘‘न्याय का हक़ मिलने तक’’
दिल्ली से शुरू होकर जिला स्तर तक जारी रहेगा

श्रीमती सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अलका लांबा सहित वरिष्ठ नेतागण करेंगे संबोधित

भोपाल 26 जुलाई 2024। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर आगामी 29 जुलाई को केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ महिला कांग्रेस नेत्रियों द्वारा राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जायेगा। जिसमें महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक न्याय के साथ महिलाओं के साथ हो रही उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने, राजनीतिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और सुरक्षा का अधिकार जैसी तीन महत्वपूर्ण मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखी जायेगी।

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री अलका लांबा द्वारा कल दिल्ली में पत्रकार वार्ता के माध्यम से बताया गया कि महिला कांग्रेस 29 जुलाई को राजधानी दिल्ली के जंतर मन्तर से एक राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन करेगी। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश की महिला कांग्रेस की पदाधिकारी, कार्यकर्ता भी हजारों की संख्या में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचेंगी। जिसके लिए महिला कांग्रेस द्वारा जिला महिला कांग्रेस कमेटियों को महिलाओं को दिल्ली पहुंचने के निर्देश दिये गये हैं।
श्रीमती पटेल ने बताया कि सुश्री लांबा द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार महिलाओं के हक और अधिकार के लिए महिला कांग्रेस की इस पूरे आंदोलन की तीन बड़ी और महत्वपूर्ण माँगे केंद्र सरकार से रहेंगी।
पहली माँग: राजनीतिक सशक्तिकरण
महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और भागीदारी के तहत महिला आरक्षण क़ानून को तुरंत लागू किए जाना चाहिए, जिसमें अति पिछड़े वर्ग कि हमारी ओबीसी की बहनों को आरक्षण और भागीदारी को सुनिश्चित कराना है।

दूसरी माँग: आर्थिक सशक्तिकरण
आर्थिक सशक्तिकरण के तहत देश की आधी आबादी जो आज बढ़ती महँगाई और बेरोज़गारी से लड़ रही है, उसे राहत देने के लिए नारी न्याय के तहत केंद्र सरकार की महालक्ष्मी योजना के अनुसार हर ग़रीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपया या हर महीने 8 हज़ार 500 रूपये की आर्थिक सहायता सीधा उनके बैंक खातों में दिये जाने की माँग की जायेगी।
तीसरी माँग: सामाजिक न्याय और सुरक्षा का अधिकार
देश भर में लगातार महिलाओं के विरुद्ध अपराध में बढ़ोतरी हो रही है और अपराधियों में क़ानून नाम का कोई खौफ नहीं है, जिसका ताज़ा उदाहरण मध्य प्रदेश के रीवा में दो महिलाओं को दबंगों द्वारा ज़िंदा जमीन में दफनाये जाने की घटना ने प्रदेश ही नहीं देश को शर्मसार किया है। हाल ही में इंदौर में भाजपा पार्षद द्वारा महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। भाजपा पार्षद को सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त होने के कारण प्रशासन और शासन मूकदर्शक बना कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। भोपाल में विगत 6 महीनों में 6 महिलाओं की हत्या, 153 बलात्कार की घटनाओं के साथ महिलाओं की हत्याओं का ग्राफ बढ़ा है। प्रदेश भर में महिलाओं में भय का वातावरण निर्मित है। इतना ही नहीं मुंबई में 30 साल की महिला का सामूहिक बलात्कार, और उसके बाद हत्या, महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या जैसे तमाम मामले महिला उत्पीड़न के देश में घटित हो रहे हैं।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि केंद्र की मोदी और राज्य की यादव सरकार से महिलाओं में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। देश-प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जारी बजट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई प्रावधान नहीं किये। दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं का लगातार शोषण हो रहा है। मध्य प्रदेश में महिला कांग्रेस प्रदेश के हर जिले में महिला अत्याचार और बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर आंदोलन करेगी और सरकार की कलई खोलेगी।
वहीं राजस्थान में बीते 6 महीने में महिला अपराध के 20 हजार केस हुये। किंतु मंत्री जी ने कहा- महिला उत्पीड़न मामलों में कमी आई है, परन्तु राजस्थान विधान सभा में महिला उत्पीड़न से जुड़े मामले कई बार सुनने में आये है हम सामाजिक, आर्थिक न्याय के साथ साथ महिलाओं के उत्पीड़न पर रोक की मांग करेंगे।
श्रीमती पटेल ने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि इस बजट में महिलाओं की सुरक्षा के तहत महिलाओं की पुलिस में भर्ती और सक्रिय महिला थानों की बात पर जोर दिया जायेगा, जो इस बजट में देखने सुनने को नहीं मिली।
श्रीमती पटेल ने कहा कि महिला कांग्रेस का यह आंदोलन भारत की राजधानी दिल्ली से होते हुए हर राज्य की राजधानी, हर बड़े शहरों और ज़िलों तक, तब तक जारी रहेगा जब तक आधी आबादी की माँगो को मान नहीं लिया जाता और उन्हें उनके हक़-अधिकार और सुरक्षा नहीं दे दी जाती। यह आंदोलन ‘‘न्याय का हक़ मिलने तक’’ यूँ ही जारी रहेगा।