hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişjojobetjojobet girişmatbetpusulabetpadişahbetpadişahbet girişcasibomjojobetjojobet girişholiganbet giriş
ब्रेकिंग

फैटी लिवर की चपेट में बच्चे भी, एम्स की रिपोर्ट ने चौंकाया

Fatty Liver: फैटी लिवर एक साइलेंट बीमारी है. इस कंडीशन में आपके लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होने लगता है. वैसे तो ज्यादा ड्रिंक करने से फैटी लिवर की समस्या हो सकती है लेकिन पिछले कुछ सालों से हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ये महसूस किया है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो बहुत कम शराब पीते हैं या शराब नहीं पीते हैं लेकिन फिर भी उनके लिवर में ज्यादा फैट है. इसे नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) के रूप में जाना जाता है.

नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर को लेकर दिल्ली एम्स की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हैरान करने वाली बात सामने आई है. एम्स (AIIMS) की ये स्टडी गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और HNU डिपार्टमेंट की ओर से की गई है. इस रिसर्च के मुताबिक, भारत की कुल जनसंख्या में एक तिहाई से ज्यादा यानी 38 फीसदी लोग नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं. फैटी लिवर की इस बीमारी की चपेट में सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी हैं.

बच्चे भी फैटी लिवर की बीमारी का शिकार

एम्स द्वारा की गई इस रिसर्च में साफ तौर पर लिखा गया है कि फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे एक तिहाई से ज्यादा लोगों में 35 फीसदी बच्चे भी शामिल हैं यानी बच्चों में भी नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर बीमारी तेजी से फैल रही है. एम्स की रिपोर्ट में सामने आंकड़े वाकई चिंताजनक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर के शुरूआती लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते, जिसकी वजह से इसका पता नहीं चल पाता.

बच्चों के फैटी लिवर का क्या है कारण?

स्टडी के मुताबिक, खराब डाइट और लाइफस्टाइल के चलते बच्चों में फैटी लिवर की बीमारी बढ़ रही है. बच्चों में प्रोसेस्ड और फास्ट फूड खाने का ट्रेंड बढ़ा है, जो फैटी लिवर की समस्या का कारण बन रहा है. फैटी लिवर के कारण मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.

दवाइयां भी खतरनाक

एम्स की रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि कुछ दवाइयां भी लिवर इंजरी का कारण बन सकती हैं. टीबी, एंटीबायोटिक्स, एंटीपीलेप्टिक दवाएं और कीमोथेरेपी के इलाज में इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवाएं भी लिवर इंजरी का कारण हो सकती हैं.

फैटी लिवर का क्या है इलाज

हालांकि, नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर की कोई दवा नहीं है. लेकिन हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल को फॉलो करके इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को भी जरूर शामिल करें.

ऐसे करें काबू

रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें
डाइट में फैट का सेवन कम करें
कार्बोहाइड्रेट वाले आहार (सफेद चावल, आलू, सफेद ब्रेड) न खाएं
दालें, सेब और संतरे सहित फल को डाइट में शामिल करें
अपने लीवर एंजाइम, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करवाएं
शराब का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें

Leave a Reply