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परिवहन घोटाले पर सरकार की चुप्पी, भाजपा नेताओं की संलिप्तता पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाए सवाल

मंत्री राजपूत पर 1250 करोड रुपए की संपत्ति होने का नेता प्रतिपक्ष ने लगाया आरोप..

चार माह पूर्व युग क्रांति द्वारा किए गए खुलासे की हुई पष्टि

बृजराज एस तोमर, भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे घोटालों और सरकार की चुप्पी को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हैं लेकिन मध्य प्रदेश में घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं और विधानसभा में इन पर कोई चर्चा नहीं होती।

सिंघार ने परिवहन घोटाले का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें मंत्री, अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से हर साल 1500 करोड़ रुपये की अवैध वसूली होती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस घोटाले को दबाने का प्रयास कर रही है और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जांच पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा के यहाँ से मिले दस्तावेजों की जाँच नहीं हुई, उनकी गिरफ्तारी 41 दिन बाद हुई,सौरभ शर्मा के फ़ोन का CDR जारी नहीं किया गया, जिससे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं। गोविंद राजपूत इस पूरे रैकेट को सँभालते थे, उनके कार्यालय में ही सारी डीलिंग होती थी। गोविंद राजपूत ने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की। राजपूत ने 2023 में अपने 134 करोड़ की संपत्ति को शपथ पत्र में छुपाया।
बेनामी संपत्तियों का किया खुलासा..
उमर सिंघार ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास हर माह 2 करोड रुपए पहुंचने का आरोप लगाते हुए बताया कि ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में ज़मीनों की हेराफेरी की गई। दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी गोविंद सिंह राजपूत और उनके बिज़नेस पार्टनर्स ने ज़मीनें खरीदीं। जिसमें कमलेश बघेल, प्रतिभा बघेल, सुभाष डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सागर में 600 करोड़ से अधिक कीमत की 100 एकड़ से अधिक भूमि जिसमें मंत्री राजपूत का पैसा लगा है, दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में A -77 बिल्डिंग में संजय श्रीवास्तव एवं उनकी पत्नी श्वेता के नाम से 12 करोड़ बाजार मूल्य का थर्ड फ्लोर/टैरेस 1 अप्रैल 2024 को, इसी बिल्डिंग में आरटीआई तुमराम एवं उसकी पत्नी वीरेश के नाम से 12 करोड़ बाजार मूल्य का फ्लोर एवं बेसमेंट 26 मार्च 2024 को और मंत्री गोविंद राजपूत के खास एवं बिजनेस पार्टनर संजय डांडे के नाम से 7 मार्च 2024 को 15 करोड़ बाजार मूल्य का फ्लोर खरीदा गया। बता दें कि संजय श्रीवास्तव की पत्नी श्वेता श्रीवास्तव एवं संजय डांडे दोनों भुवनेश्वरी मल्टीमीडिया प्रा.लिमि. कंपनी के डायरेक्टर हैं।कमलेश बघेल व प्रतिभा बघेल हाल ही में रिटायर हुए आरटीआई किशोर सिंह बघेल के नजदीकी संबंधी है। श्री सिंघार द्वारा उजागर किए गए नामों में कई नाम छूट गए हैं जिनमें मुख्य रूप से भुवनेश्वरी मीडिया प्रा.लि.की सीईओ रोमा पॉल (जो डायरेक्टर संजय डांडे की बेहद करीबी मानी जाती है जिसके चलते ये रोमा पाल इस कंपनी में लेकर आए), हाल ही में रिटायर हुए किशोर सिंह बघेल एवं डीपी पटेल, माल्थोन बेरियल वाली सागर निवासी आरक्षक रितु शुक्ला, टीएसआई अनामिका कोली, हेड क्वार्टर में अहम पद पर पोस्टेड सौरभ शर्मा का तथाकथित गुरु/चाचा.. शर्मा के नाम शामिल है।

उमंग सिंघार ने साफ कहा कि इस घोटाले की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

चार माह पूर्व युग क्रांति द्वारा किया गए खुलासा..

नेता प्रतिपक्ष ने भले ही राजनीति के चलते मंत्री गोविंद राजपूत पर एक तरफा निशान साधा है मगर हकीकत उनके आरोपों से थोड़ा ही भिन्न है। युग क्रांति द्वारा चार महीने पहले अपने सनसनीखेज परत दर परत खुलासों में उपरोक्त में से अधिकांश नामों एवं उनके द्वारा किए गए कृत्यों का विस्तार से उल्लेख किया था और उसी उपरांत लोकायुक्त में सौरभ शर्मा को अपने शिकंजे में ले लिया। निष्कर्षतया हकीकत यह है कि उमर सिंघार ने जिन व्यक्तियों को मंत्री राजपूत की बेनामी संपत्ति का अमानती रहनुमा बताया है वे हकीकत में इन संपत्तियों के असली मालिक हैं क्योंकि पिछले 15 साल से परिवहन विभाग को सिंडिकेट की तरह चलाने वाले क्रमशः यही लोग हैं जिन्होंने लगातार विभाग में लूट खसोट करते हुए सेकंड़ो- हजारों करोड़ों की बेनामी सपत्ति अर्जित की और विभाग का सर्वनाश किया।

हकीकत में लोकायुक्त को जांच में निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए संजय डांडे, रोमा पाल, तुम राम, किशोर सिंह बघेल, डीपी पटेल, माल्थोन बेरियल वाली आरक्षक रितु शुक्ला, टीएसआई अनामिका कोली, हेड क्वार्टर में एम पद पर पोस्टेड सौरभ शर्मा का तथाकथित गुरु/चाचा.. शर्मा और संजय श्रीवास्तव इन सभी की सौरभ शर्मा के साथ आपस में व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल मांगने चाहिए।

दलालों और विभागीय नेताओं की भेंट चढ़ा मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग