hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişcasibomcasibom girişjojobetjojobet giriş

नियम विरुद्ध आरटीओ के पद पर काबिज हैं संजय श्रीवास्तव और वीरेंद्र यादव

डबल पदोन्नति वाले पद के रूप में संजय को सतना वीरेंद्र को मंदसौर आरटीओ का कार्यभार..
आरटीओ के साथ-साथ फ्लाइंग और चेकप्वाइंट के प्रभार का जिम्मा भी इन्हीं के कंधों पर..

भोपाल 9 मई 2025। मप्र परिवहन विभाग में भ्रष्टता की पराकाष्ठा कहे अथवा प्रशासनिक अमले की कमी, जिसके चलते सामान्य प्रशासन के नियमों को ताक पर रखकर इन आरटीआई को डबल प्रमोशन वाला उच्च पद (आरटीओ) का कार्यभार दिया गया जबकि विभाग में इनसे वरिष्ठतम और भी लोकसेवक मौजूद है।

रिक्त पद के चालू प्रभार दिए जाने के संबंध में मप्र सामान्य प्रशासन विभाग का नियम है कि कोई पद रिक्त होने की स्थिति में उसकी पूर्ति यथाशीघ्र नियमित पद-स्थापना से कर ली जाना चाहिए, जहां रिक्त पद का चालू प्रभार देने की स्थिति निर्मित हो वहां पर ऐसा प्रभार नियंत्रणकर्ता अधिकारी की स्थापना में कार्यरत किसी ऐसे शासकीय लोक सेवक को जो रिक्त पद के समकक्ष अथवा ऐसे वरिष्ठतम को सौंपा जाना चाहिए जो रिक्त पद से निम्नतर पद पर कार्यरत हैं, परन्तु यदि किसी विशेष कारण से इस स्थिति में हटकर व्यवस्था की जाना वांछनीय हो तब नियंत्रक अधिकारी द्वारा अपने वरिष्ठ आंधकारी से आदेश प्राप्त किया जाना चाहिए।

उच्चपद के क्रम में आरटीआई के बाद एआरटीओ और फिर आरटीओ होता है मगर फ्लाई ओवर की तरह बीच के पद को लांघते हुए संजय श्रीवास्तव पिछले कई वर्षों से सतना आरटीओ के पद पर डटे हुए हैं। ये न सिर्फ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं बल्कि मझगंवा व अन्य चेकप्वाइंटों और फ्लाइंग का प्रभार अपने कंधों पर जबरिया थामे हुए हैं। विभाग के बड़े अधिकारियों एवं मंत्रियों की खुशामद में माहिर होना इसकी असली वजह है। यह स्वयं को विभागीय पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह एवं गोविंद राजपूत के दाएं और बाएं हाथ बताते हैं लिहाजा वर्तमान मंत्री की कोई परवाह नहीं करते हैं।
इस क्रम में दूसरा नाम आरटीआई वीरेंद्र यादव का जो वर्तमान में मंदसौर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के साथ पिछले दो वर्षों से चेक पोस्टों का कारोबार/कार्यभार संभाल रहा है। मई 2024 में इस पर देवास आरटीओ का भी अतिरिक्त प्रभार रहा। इससे पहले यह अलीराजपुर परिवहन अधिकारी रह चुके है। यह भी खुद को वर्तमान अथवा पूर्व मंत्री एवं आयुक्त का खासम-खास होना बताते है। इन्हीं वजहों से दोनों पर ना तो सामान्य प्रशासन का नियम लागू होता और ना ही विभाग का प्रवर्तन नियम। सूत्रों की माने तो विभाग में इन दोनों से वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कई लोकसेवक मौजूद हैं जिनमें एक एआरटीओ श्रीमती रिंकू शर्मा है जो कि हेडक्वार्टर ग्वालियर में लंबे अर्से से संलग्न है।

आयुक्त महोदय भले ही इसे विभाग में अधिकारियों की कमी होना बता रहे मगर उनकी कार्य प्रणाली अनुसार ये कहीं ना कहीं चूक अथवा मजबूरी जैसी नजर आ रही है। यह भी एक सवाल है कि हाल ही में श्योपुर चैक पॉइंट के कार्यभार को संभाल रहे प्रधान आरक्षक को इस कारण हटा गया कि वह जिम्मेदारी उपनिरीक्षक अथवा समकक्ष की है अर्थात यह अपने मूल पद से डबल प्रमोशन की जिम्मेदारी संभाल रहा था, क्या यह संहिता और नियमावली इन दोनों अधिकारियों पर नहीं लागू होनी चाहिए ! ऐसे हालातो में यह कहना लाजमी होगा कि समरथ को नहीं दोष गुसाईं…