hacklink al
waterwipes ıslak mendilasetto corsa grafik paketijojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişpusulabetjojobetjojobet girişbets10padişahbetpadişahbet girişjojobetjojobet girişholiganbetmatbetmatbet girişjojobetjojobet girişjojobet giriş

ग्वालियर हर विषम से विषम आपात स्थिति से निपटने को तैयार

डीआरडीई के वैज्ञानिकों से जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने सीखे रासायनिक एवं जैविक हथियारों से बचने के उपाय

ग्वालियर 09 मई 2025/ जिले में विषम से विषम आपात स्थिति से निपटने की तैयारियाँ की जा रही हैं। इस सिलसिले में शुक्रवार को जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने डीआरडीई (रक्षा अनुसंधान विकास स्थापना) में रासायनिक एवं जैविक हथियारों से बचने एवं दूसरों को बचाने की बारीकियाँ सीखीं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह एवं डीआरडीई के निदेशक डॉ. मनमोहन परीडा की मौजूदगी में आयोजित हुए प्रशिक्षण में डीआरडीई के वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रकार के रासायनिक एवं जैविक एजेंट से बचने के उपाय बताए। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण के बाद प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने रासायनिक व जैविक हमलों से बचाव के लिये पहने जाने वाली किट व उपकरणों की प्रदर्शनी भी देखी।
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कहीं रासायनिक एवं जैविक हमला हुआ हो तो मुँह पर गीला रूमाल या कपड़ा बांधकर हवा के विपरीत दिशा से निकलना चाहिए। इसके बाद सुरक्षित स्थान पर पहुँचकर साबुन लगाकर अच्छी तरह मुँह-हाथ धोकर नहा लेना चाहिए। मुल्तानी मिट्टी व राख से हाथ व शरीर की सफाई भी अत्यंत कारगर रहती है। प्रशिक्षण में न्यूक्लियर रेडियो एक्टिव, बायोलॉजिकल व कैमिकल वैरिएंट के प्रकार एवं इनके असर को कम करने के उपायों पर प्रकाश डाला गया।
डीआरडीई की वैज्ञानिक डॉ. मनीषा साठे ने विभिन्न प्रकार के रासायनिक वैरिएंट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरीर पर कौन से कैमिकल के किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है। डॉ. साठे ने बताया कि पाउडर, गैस व एरोसोल फॉर्म में कैमिकल हो सकते हैं।
डीआरडीई के वैज्ञानिक डॉ. रामकुमार धाकड़ ने विभिन्न प्रकार के जैविक वैरिएंट पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैमिकल व जैविक वैरिएंट का आभास होने पर मुँह पर गीला कपड़ा बाँधें और तत्काल हवा के विपरीत दिशा से बाहर निकलें। बहुत ही कम मात्रा का रसायन व जैविक वैरिएंट बड़ी क्षति पहुंचा सकते हैं। प्रोपर किट (कपड़े) पहने बगैर कैमिकल जैविक वैरिएंट फैलने पर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम खुद सुरक्षित रहकर ही दूसरों की रक्षा कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान एडीएम श्री टी एन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कृष्ण लालचंदानी, श्री निरंजन शर्मा व श्री गजेन्द्र वर्धमान, जिले के सभी एसडीएम, एसडीओपी व सीएसपी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।