hacklink al
jojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobet girişjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişjojobetjojobetjojobet girişjojobetjojobet girişholiganbetholiganbet girişpadişahbetpaşacasinograndpashabetjojobetjojobet girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişcasibom girişkralbetkingroyalmatbetmatbet girişmatbet güncel girişmatbetmatbet girişmatbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel girişholiganbet girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişnakitbahisnakitbahis girişmatbetmatbet girişcasibomcasibom girişkavbetkavbet girişkavbet güncel girişholiganbetholiganbet girişholiganbet güncel giriş

अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों ने किए अनेकों आविष्कार

नई दिल्ली 29 मई 2025। सन् 2025 में विज्ञान ने अंतरिक्ष, चिकित्सा, पर्यावरण, कृषि और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण खोजें और प्रगति हुई हैं जिनका संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों की नई खोजें

अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान..

चीन का तियानवेन-2 मिशन

28 मई 2025 को चीन ने तियानवेन-2 मिशन लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य एक निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह से नमूने एकत्र करना और फिर एक दूरस्थ धूमकेतु की यात्रा करना है। यह मिशन सौरमंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद करेगा।

गगनयान मिशन में व्योममित्रा की भागीदारी

इसरो ने 2025 को “गगनयान वर्ष” घोषित किया है। दिसंबर में गगनयान मिशन की पहली उड़ान में व्योममित्रा नामक ह्यूमनॉइड रोबोट शामिल होगा, जो मानव मिशनों की तैयारी में मदद करेगा।

शनि के 128 नए चंद्रमाओं की खोज

वैज्ञानिकों ने शनि ग्रह के चारों ओर 128 नए चंद्रमाओं की खोज की है, जिससे इसकी कुल चंद्रमाओं की संख्या 274 हो गई है। यह खोज शनि के वलयों और उसके विकास को समझने में सहायक होगी।

 चिकित्सा और जैव प्रौद्योगिकी..

मस्तिष्क रोगों के लिए जीन डिलीवरी ‘ट्रक’

NIH के BRAIN पहल के तहत वैज्ञानिकों ने ऐसे वायरल वाहक विकसित किए हैं जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की विशिष्ट कोशिकाओं में जीन को लक्षित कर सकते हैं। यह तकनीक ALS, पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे रोगों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

बिजली ‘साँस’ लेने वाले बैक्टीरिया की खोज

राइस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है जो ऑक्सीजन के बजाय इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। यह खोज स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और अंतरिक्ष अन्वेषण में नई संभावनाएँ खोलती है।

पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान..

वीनस के पास खतरनाक क्षुद्रग्रहों की पहचान

वैज्ञानिकों ने वीनस की कक्षा के पास तीन बड़े क्षुद्रग्रहों की खोज की है, जो पृथ्वी के लिए संभावित खतरा बन सकते हैं। इनकी कक्षाएँ अस्थिर हैं और ये पृथ्वी की कक्षा को पार कर सकते हैं, जिससे निगरानी और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता बढ़ गई है।

भौतिकी एवं ब्रह्मांडीय विज्ञान..

ब्रह्मांड के अस्तित्व के रहस्य की खोज

अमेरिका और जापान के वैज्ञानिक ब्रह्मांड के अस्तित्व के मूलभूत प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए DUNE और Hyper-Kamiokande परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। ये परियोजनाएँ न्यूट्रिनो जैसे सूक्ष्म कणों का अध्ययन करके ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने में मदद करेंगी।

भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति

नई खोजेंजैव प्रौद्योगिकी और चिकित्सा..

स्तन कैंसर की शीघ्र पहचान के लिए बायोसेंसर

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला (NIT-R) के शोधकर्ताओं ने एक नया बायोसेंसर विकसित किया है, जो स्तन कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में पहचान कर सकता है। यह उपकरण पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक संवेदनशील, किफायती और पोर्टेबल है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका उपयोग संभव है।

कृषि और पर्यावरण..

सीआरआईएसपीआर तकनीक से संपादित चावल की किस्में

भारत ने पहली बार CRISPR-Cas9 तकनीक का उपयोग करके दो नई चावल की किस्में—पुसा राइस DST1 और DRR धन 100—विकसित की हैं। ये किस्में उच्च उपज, सूखा सहनशीलता और जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक प्रतिरोधी हैं।

हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स माध्यम से इनडोर खेती

इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज में वैज्ञानिकों ने मिट्टी और सूर्य के प्रकाश के बिना सब्जियों और औषधीय पौधों की इनडोर खेती में सफलता प्राप्त की है। यह तकनीक पारंपरिक खेती की तुलना में 80-90% कम पानी का उपयोग करती है और शहरी क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है।

अंतरिक्ष और मौसम विज्ञान..

भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS) का शुभारंभ

26 मई 2025 को भारत सरकार ने भारत फोरकास्टिंग सिस्टम लॉन्च किया, जो 6-किलोमीटर ग्रिड पर आधारित उच्च-रिज़ॉल्यूशन मौसम पूर्वानुमान प्रणाली है। यह प्रणाली मानसून, चक्रवात और अन्य चरम मौसम घटनाओं की भविष्यवाणी में अधिक सटीकता प्रदान करती है।

रक्षा और प्रौद्योगिकी..

‘भार्गवास्त्र’ माइक्रो-मिसाइल प्रणाली का परीक्षण

जनवरी 2025 में भारत ने ‘भार्गवास्त्र’ नामक स्वदेशी माइक्रो-मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह प्रणाली ड्रोन हमलों का मुकाबला करने में सक्षम है और एक साथ 64 माइक्रो-मिसाइलें लॉन्च कर सकती है। यह प्रणाली उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी है।

क्वांटम प्रौद्योगिकी..

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और ‘क्वांटम वैली टेक पार्क’

भारत ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत चार थीमैटिक हब्स की स्थापना की है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और सामग्री विकास पर केंद्रित हैं। इसके अतिरिक्त, आंध्र प्रदेश के अमरावती में ‘क्वांटम वैली टेक पार्क’ की स्थापना की जा रही है, जो जनवरी 2026 तक चालू होने की योजना है।