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पति द्वारा मारपीट की शिकार पत्नी पर पति को थाने में हाजिर करने की ज़िम्मेदारी

थाने में आवेदन देने के लिये पत्नी ही पति को थाने बुलाये तभी आवेदन लिया जायेगा..
ग्वालियर महिला थाने के पुलिस कर्मियों का तुगलकी फरमान..

ग्वालियर 19 जुलाई 2025। “एम पी अजब है एम पी ग़ज़ब है” यह लाइन हम लोग यदा कदा सुनते रहते हैं , लेकिन एम पी की पुलिस के कारनामे आजकल इस लाइन से भी बढ़कर हो रहे हैं कभी एस आई सड़क पर खड़ी कार के कांच तोड़कर अपनी दबंगई दिखा रहे है तो कहीं पुलिस कर्मियों मैं बँटवारे को लेकर सरेआम लड़ाई होती है इस सब के बीच पीड़ित आमजन जो क़ानून तोड़ने वालों द्वारा प्रताड़ित होकर क़ानून के रक्षकों के पास न्याय की गुहार लगाने जाते हैं वे स्वयं को ठगा महसूस करते हैं।
आज ग्वालियर के महिला थाना में एक अजीब वाक़या हुआ एक नवविवाहिता को उसके पति पंकज धाकड और पंकज की मॉं सरोज धाकड द्वारा दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था यही नहीं शराबी पति द्वारा नवविवाहिता के साथ लगातार अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया जाता रहा इन सब से प्रताड़ित होकर नवविवाहिता आज अपने परिजनों के साथ पड़ाव स्थित महिला थाना पहुँची। जब इस नवविवाहिता ने आपबीती को एक आवेदन पत्र के रूप मे लिखकर आरोपियों के ख़िलाफ़ पुलिस थाने से कार्रवाई चाही तो उपस्थित पुलिस कर्मियों ने आवेदन लेने से सिरे से मना कर दिया एवं मामले का आवेदन लेकर उस पर संज्ञान लेने की बजाए वहाँ उपस्थित एक महिला पुलिसकर्मी ने तुगलकी फ़रमान जारी करते हुए पीड़िता से कहा कि तुम पहले फ़ोन करके अपने पति को बुलाओ तब हम तुम्हारा आवेदन लेंगे ।
महिला पुलिसकर्मी के इस फ़रमान को विरोधाभासी माना जा रहा है की जो नवविवाहिता अपने पति द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर महिला पुलिस थाना न्याय की गुहार लगाने पहुँची उसी पर यह ज़िम्मेदारी लाद दी गई कि यदि कार्यवाही चाहती है तो पाडिता अपने पति को बुला कर लाये ।
महिला थाने का तुगलकी फरमान सुनकर पीड़िता एवं उसके परिजन अवाक रह गए उन्होंने महिला थाने में उपस्थित पुलिस कर्मियों से आवेदन लेकर उस पर कार्रवाई करने की गुहार लगायी लेकिन पुलिसकर्मियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी । यहाँ तक कि जब पीड़िता ने निवेदन किया कि आप केवल हमारा आवेदन ले लीजिये,तब भी उपस्थित पुलिस कर्मियों ने उन्हें झिड़कते हुये कहा कि यहॉं आवेदन नहीं लिया जाएगा तुम्हारा आवेदन कहीं ओर जाकर दो।

ऐसी असंवेदनशीलता के उदाहरण मध्य प्रदेश के पुलिस थानों में आम हो गए हैं। अंत में निराश होकर पीड़िता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँची और आवक शाखा में जाकर अपना आवेदन जमा कराया अब देखना यह है कि महिला थाना पुलिस के लापरवाही पूर्ण कृत्य पर मध्य प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्रवाई करते है तथा पीड़िता को क्या न्याय दिला पाएंगे।