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ग्वालियर पुलिस चिल्लाती रही – ‘जेबकतरों से सावधान!’ और जेबकतरे जेबें तराशते रहे

ग्वालियर 19 अक्टूबर 2025। धनतेरस के शुभ अवसर पर ग्वालियर के प्रमुख बाज़ारों —महाराज बाड़ा और सर्राफ़ा बाजार में खरीदारी के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की भीड़ के बीच जहां शहरवासी उल्लासपूर्वक त्योहार की तैयारियों में जुटे थे, वहीं कुछ असामाजिक तत्वों और जेबकतरों ने भी मौके का भरपूर फायदा उठाया।

भीड़ के बीच सर्राफ़ा स्थित पुलिस चौकी से लगातार माइक पर घोषणा होती रही —“अपनी जेबों और सामान की सुरक्षा करें, भीड़ में जेबकतरे सक्रिय हैं।”

लेकिन विडंबना यह रही कि चेतावनी देने वाली पुलिस की मौजूदगी में ही जेबकतरों ने कई लोगों की जेबें साफ कर दीं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सर्राफ़ा स्थित तनिष्क शोरूम के सामने एक व्यक्ति की जेब काटी गई। पीड़ित ने सूझबूझ दिखाते हुए जेबकतरे को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। परंतु चौकी में बैठे अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय उल्टे पीड़ित से ही कहा कि “इस व्यक्ति ने तुम्हारी जेब नहीं काटी, कोई अपराध नहीं बनता।”

वरिष्ठ अधिकारी के इस ‘न्यायिक’ फैसले के बाद जेबकतरा आज़ाद कर दिया गया। पीड़ित व्यक्ति हताश और लुटा-पिटा-सा वहां से चला गया। इसी तरह टोपी बाज़ार में चाट की दुकान पर खड़े एक परिवार के सदस्य ने बताया कि भीड़ के दौरान उसकी जेब भी साफ कर दी गई।

त्योहार की खुशियां मनाने पहुंचे आम नागरिक अपनी गाढ़ी कमाई लुटाकर मायूस होते रहे, जबकि जेबकतरे पुलिस की ‘दरियादिली’ पर मुस्कराते रहे। ग्वालियर की गलियों में धनतेरस पर हुई यह ‘जेबतराशी की बरसात’ एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है —क्या ग्वालियर पुलिस सिर्फ़ चेतावनी देने तक ही सीमित है !

सराफा बाजार